टेक :- मन बड़ा हरामजादा, अपने मतलब का चाहवे बाधा*।
1. खर्च पड़े जब लुकता डोले, अपनी आशा में फिरे भागा।
मन बड़ा... *फायदा
2. स्वार्थ बात सदा ही चाहवे, परमार्थ से हाथ उठाता।
मन बड़ा...
3. विषय वासना की लहर उठत है, मैं मेरी संग माता।
मन बड़ा...
4. और बन्दे में खोट बतावे, अपने ऐब छुपाता।
मन बड़ा...
5. ‘घीसा सन्त’ कहे सुनो साधो,
क्या कहूं इस मन की बाता। मन बड़ा...॥