जपले हरि का नाम तू वकत गवाई ना || Japle hri ka naam tu vakat gvai na || Hindi Bhajan lyrics

धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा 
तर्ज :- रेशमी सलवार
टेक :- जपले हरि का नाम तू वकत गवाई ना |
जनम मिला है हीरा खाक रुलाई ना |

१. ये झूठी जग की  माया, क्यों इसमें मन भरमाया |
   जब जनम मिला था जग में, तो साथ में तू क्या लाया |
   तू ना लाई ना | जनम मिला....

२. ये जगत है एक सराये, कोई आये और कोई जाये |
    सब छोड़ के इक दिन जाना, क्यों विरथा वकत गवाए |
    धोखा खाई ना |  जनम मिला....

३. इस जग से नाता तोड़ो, मन गुरु के भजन से जोड़ो |
   सतगुरु का नाम जपो रे, सब झूठ कपट को छोडो |
   तू फिर पछताई ना |  जनम मिला....

   जपले हरि का नाम तू वकत गवाई ना |
   जनम मिला है हीरा खाक रुलाई ना |