कबीर गुरु सब को चाहे |
कबीर गुरु सब को चाहे गुरु को चाहे ना कोए |
होई ऐसी दुनिया दीवानी भगति भाव न बुजा जी |
कोई आवे तो बेटा मांगे यही गुसाई दीजे जी |
कोई आवा दुःख का मर्या हम पर किर्प्या कीजिये जी |
कोई आवे तो बेटा मांगे भेंट रुपईया दीजे जी |
कोई करावे विवा सगाई संत गुसाई रिजे जी |
सच्चे का कोई गाहक नहीं जूठे जगत पतीजे जी |
कहे कबीर सुनो भाई सादो अंधे को क्या कीजे जी |
कबीर गुरु सब को चाहे गुरु को चाहे ना कोए |
होई ऐसी दुनिया दीवानी भगति भाव न बुजा जी |
कोई आवे तो बेटा मांगे यही गुसाई दीजे जी |
कोई आवा दुःख का मर्या हम पर किर्प्या कीजिये जी |
कोई आवे तो बेटा मांगे भेंट रुपईया दीजे जी |
कोई करावे विवा सगाई संत गुसाई रिजे जी |
सच्चे का कोई गाहक नहीं जूठे जगत पतीजे जी |
कहे कबीर सुनो भाई सादो अंधे को क्या कीजे जी |