काहे रे बन खोजन जाई...
(गुरुबाणी)
टेक :- काहे रे बन खोजन जाई,
सर्व निवासी सदा अलेपा तोहि संग समाई।
1. पुहप मद ज्यों बास बसत है मुकर में जैसे छाई।
तैसे ही हरि बसै निरन्तर घट ही खोजो भाई।
काहे रे....
2. बाहर भीतर एको जानो, इह jगुर ज्ञान बताई।
जन्ï नानक बिन आपा चीने, मिटे न भ्रम की काई।
काहे रे बन खोजन जाई,
सर्व निवासी सदा अलेपा, तोहि संग समाई॥