कूड़ी दुनियां में जल कर || khudi dunia mein jal kr || Hindi bhajan lyrics

तर्ज :- तेरी याद में जल कर देख लिया...

टेक :- कूड़ी दुनियां में जल कर देख लिया,

तेरी  याद  में  जल  कर  देखेंगे।

जिस  राह  पे  अपनी  मुक्त  होए,

उस  राह  भी  चल  कर  देखेंगे।


1. सारी  उम्र  यूं  ही बर्बाद करी,

पर सुख  दुनियां  में  पाया  ना।

अब दुनियां के धन्धे छोड़ कर,

तेरे मस्तों में रल  कर  देखेंगे।  कूड़ी  दुनियां  में...


2. सारा  दिन  तृष्णा  में  जलता  रहा,

सन्तोष   कभी   भी    न    आया।

शाह   सिकन्दर   कारूं  हो  गुजरे,

फक्कर मसला भी हल कर देखेंगे। कूड़ी दुनियां में...


3. देखे  पी  के   नशे   मजाजी   भी,

थोड़ी  देर  के  बाद वो उतर गए।

जहां   हरदम   मस्ती   चढ़ी   रहे,

वो  मयखाना  भी चल कर देखेंगे। कूड़ी दुनियां में...


4. रूह  काल  देश   में  आकर  जी,

पिता  अपने वलों* हथ मल बैठी।       तरफों*

अब  वापिस  देश  को  जाने लिए,

हाथ  दुनियां  से  मल  कर देखेंगे। कूड़ी दुनियां में...


5. फाही जन्म मरण की मुकाने लिए,

हम   यत्न  बहुतेरे   करते   रहे।

खुदा, राम  ते ओ३म, कृष्ण जपा,

सतनाम*  से   बात  कर  देखेंगे।  कूड़ी दुनियां में...


6. ‘शाह सतनाम जी’ जिस काम को जन्म मिला,

कभी  उस  मसले  को  सोचा ना।

दुनियादारों  से   बातें  करते  रहे,

सतगुर  से  भी  बात  कर देखेंगे।  कूड़ी  दुनियांं में...

कूड़ी दुनियां में जल कर देख लिया,

तेरी  याद  में  जल  कर  देखेंगे।
जिस  राह  पे अपनी  मुक्त  होए,
उस  राह  भी  चल  कर  देखेंगे॥
*तीन गुणन की भक्ति में डूब रहा संसार।
कह कबीर शाह सतनाम बिन कैसे उतरे पार।